निर्जला एकादशी 2025: पावन व्रत से पाएं स्वास्थ्य और आशीर्वाद निर्जला एकादशी हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र व्रतों में से एक है। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इसे ‘निर्जला’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस व्रत में दिनभर एक बूंद पानी भी नहीं पीया जाता। निर्जला एकादशी को भगवान विष्णु की विशेष पूजा के लिए जाना जाता है और इसे रखने वाले को कई प्रकार के धार्मिक, शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं।

निर्जला एकादशी का महत्व प्राचीन ग्रंथों में बड़े विस्तार से वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए तप और श्रद्धा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।