2025 में कब है शनि जयंती? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

शनि जयंती , Shani Jayanti 2025

2025 में कब है शनि जयंती? जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

शनि जयंती हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह दिन शनि देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें न्याय के देवता और नवग्रहों में एक प्रभावशाली ग्रह के रूप में पूजा जाता है। 2025 में शनि जयंती कब मनाई जाएगी, इसका धार्मिक महत्व क्या है, और पूजा कैसे की जाए—इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम इस ब्लॉग में विस्तार से देंगे।


📅 2025 में शनि जयंती कब है?

2025 में शनि जयंती 25 मई, रविवार को मनाई जाएगी। यह दिन अमावस्या तिथि को आता है, जो ज्येष्ठ माह में पड़ती है। अमावस्या के दिन शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को शनि अमावस्या भी कहा जाता है।


🪔 शनि देव कौन हैं?

शनि देव को हिन्दू धर्म में कर्मफलदाता कहा गया है। वे भगवान सूर्य के पुत्र और छाया देवी के पुत्र हैं। उनकी दृष्टि को बहुत प्रभावशाली माना जाता है, और यह कहा जाता है कि यदि शनि की दृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो उसके जीवन में बाधाएं, कठिनाइयाँ और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं। लेकिन यदि शनि देव प्रसन्न हो जाएं, तो व्यक्ति को अपार समृद्धि, न्याय, सफलता और स्थायित्व मिलता है।


🌑 शनि जयंती का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को बहुत शक्तिशाली और निर्णायक माना जाता है। उनकी चाल धीमी होती है, लेकिन उनका प्रभाव गहरा होता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जीवन को प्रभावित करती है। ऐसे में शनि जयंती पर शनि पूजा, दान, और व्रत करना बहुत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है।


🕉️ शनि जयंती की पूजा विधि

शनि जयंती पर शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। नीचे बताई गई है शनि पूजा की सरल विधि:

1. सुबह स्नान कर लें और काले वस्त्र धारण करें।
2. शनि देव की प्रतिमा या चित्र के सामने तिल का दीपक जलाएं।
3. शनि मंत्र का जप करें:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
4. शनि यंत्र की स्थापना कर सकते हैं।
5. काले तिल, सरसों का तेल, लोहे की वस्तुएं, काला वस्त्र, और उड़द का दान करें।
6. जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
7. शनि स्तोत्र, शनि चालीसा या शनि आरती का पाठ करें।

🧘‍♂️ शनि जयंती पर क्या न करें?

  1. इस दिन किसी का अपमान न करें।

  2. झूठ न बोलें और लालच से बचें।

  3. पशु-पक्षियों को कष्ट न दें।

  4. लोहे, तिल और तेल का दान करते समय विनम्र रहें।


🪙 शनि जयंती पर दान का महत्व

हिन्दू धर्म में दान का विशेष महत्व है और शनि जयंती पर दान करने से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह माना जाता है कि इस दिन दान करने से शनि दोष कम होता है और शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है।

क्या दान करें:
  • काले तिल

  • सरसों का तेल

  • काले कपड़े

  • लोहे की वस्तुएं

  • चप्पल, छाता

  • उड़द की दाल

  • भोजन और जल


🧿 शनि की कृपा पाने के घरेलू उपाय

  1. रोज़ शनि मंत्र का 108 बार जाप करें।

  2. शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।

  3. काले कुत्ते या कौवे को रोटी खिलाएं।

  4. अपने कर्म सुधारें — सत्य बोलें, परिश्रम करें, न्यायपूर्ण व्यवहार अपनाएं।


🛕 भारत में प्रमुख शनि मंदिर

यदि आप शनि जयंती पर शनि देव के दर्शन करना चाहते हैं, तो भारत में कई प्रमुख मंदिर हैं जहाँ विशेष पूजा होती है:

  1. शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र

  2. कोकिलावन धाम, उत्तर प्रदेश

  3. शनि धाम मंदिर, दिल्ली

  4. तिरुनल्लार शनि मंदिर, तमिलनाडु


🕰️ 2025 का शुभ मुहूर्त (Tentative)

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 24 मई 2025, दोपहर 03:46 बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्त: 25 मई 2025, दोपहर 05:20 बजे

  • पूजा का श्रेष्ठ समय: 25 मई को सूर्योदय से दोपहर तक

(मुहूर्त स्थानीय पंचांग के अनुसार भिन्न हो सकता है। कृपया अपने क्षेत्र का पंचांग अवश्य देखें।)


🙏 निष्कर्ष

शनि जयंती 2025 एक शुभ और आत्मशुद्धि का दिन है। इस दिन शनि देव की पूजा, व्रत और दान करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, स्थिरता और समृद्धि आती है। यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान हैं, तो यह दिन आपके लिए एक सुनहरा अवसर है — खुद को सुधारने, कर्म को शुद्ध करने और शनि देव की कृपा पाने का।

शनि देव न्याय के देवता हैं। वे सिर्फ उन्हीं पर कष्ट लाते हैं जो गलत कार्य करते हैं। लेकिन जो सत्य, सेवा और परिश्रम का मार्ग अपनाते हैं, उन्हें वे विशेष कृपा प्रदान करते हैं।

इस Shani Jayanti 2025, आइए हम सभी अपने कर्मों को सुधारें, दान करें और न्याय के मार्ग पर चलकर शनि देव की कृपा प्राप्त करें।

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